ज्वाला माँ तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा,
पानी में जलती ज्वाला,
इसका है भेद निराला,
अकबर ने शीश झुकाया,
सोने का छत्र चढ़ाया,
चरणों में गिरकर तेरे,
बोले जयकारा,
ज्वाला मां तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा।।
तेरे मंदिर जो भी आए,
तुमको शीश झुकाए,
मैया मांगे तुमसे मुरादे,
अपनी खाली झोली लेकर,
द्वार तुम्हारे आकर,
तेरे चरणों में शीश नवाए,
सबकी झोली भरे,
आस पूरी करे,
जीवन में भक्तों के तू,
करती उजाला,
ज्वाला मां तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा।।
अकबर के दरबार में ध्यानु,
तेरा ध्यान लगाए,
मैया तुमने लाज बचाई,
घोड़े का सर कटा परन्तु,
उसको आंच ना आई,
तेरी जय हो ज्वाला माई,
तेरे चरण पड़े,
जयकार करे,
तेरी महिमा जो जानी,
अकबर घबराया,
ज्वाला मां तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा।।
ज्वाला माँ की महिमा जो भी,
सच्चे मन से गाए,
उसका बेड़ा पार लगाए,
ज्वाला माँ अपने भक्तों को,
अपने पास बुला के,
सबको दुःख संकट से उबारे,
जो भी दरश करे,
माँ की इस ज्योत के,
उसके जीवन में मैया,
उजियारा लाए,
Bhajan Diary,
ज्वाला मां तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा।।
ज्वाला माँ तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा,
पानी में जलती ज्वाला,
इसका है भेद निराला,
अकबर ने शीश झुकाया,
सोने का छत्र चढ़ाया,
चरणों में गिरकर तेरे,
बोले जयकारा,
ज्वाला मां तेरा द्वारा,
लागे है हमको प्यारा।।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।
vry nice bhajan mata rani ki jay ho