ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरी,
कांकडी गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
दरसण करबा आयो,
ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरा,
कांकडा गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
कै रे कोसां मं थांको,
देवरो ओ बाबा जी,
कै रे कोसां मं जागै ज्योत,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
अस्सी अे कोसां मं थांको,
देवरो ओ बाबा जी,
सगळ सृष्टि मं जागै ज्योत,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।bd।
कै लख आवै थांकै,
बांझणी ओ बाबा जी,
कै लख बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
नौ लख आवै थांकै,
बांझणी ओ बाबा जी,
दस लख बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।bd।
के रज मांगै,
बांझणी ओ बाबा जी,
के रज बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
पुत्तर मांगै,
बांझणी ओ बाबा जी,
अन्न धन बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
पुत्तर देस्यां,
बांझणी ओ भगतां,
अन्न धन,
बालूडा री मांय,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
जातण आवै थांरै,
कुळ-बहु ओ बाबा जी,
गोद जडूला ल्यावै पूत,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।bd।
जातरी तो आवै थांरै,
दूर का ओ बाबा जी,
सांवलिया मोट्यार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
लीलो सो घोडो,
हांसलो ओ बाबा जी,
ज्यां पै श्याम,
धणी असवार,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
चढै चढावो थांकै,
चूरमो ओ बाबा जी,
नारेळां री बौछार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
जो थांरी निन्दरा,
करै ओ बाबा जी,
बांनै थे पटक पछाड,
खाटू का थांरा,
दरसण करबा आयो,
जो थांकी सेवा,
करै ओ बाबा जी,
भर देवो भण्डार,
खाटू का थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरी,
कांकडी गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
दरसण करबा आयो,
ज्योत निरखबा आयो जी,
सांवरिया थांरा,
कांकडा गावण नै आयो हो,
ध्वजाबन्द थांरा,
हुकम मांगबा आयो।।
गायक – रोहित शर्मा (जिम्मी)
प्रेषक – विवेक अग्रवाल।