कान लगाकर सुनते हरदम,
मेरी करुण पुकार,
ओ बाबा मेरी करुण पुकार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
तर्ज – बार बार मैं तुम्हे पुकारूँ।
हर कीर्तन में,
तुमसे अर्ज़ी लगाता हूँ,
दिल की अपनी,
गाके तुम्हें सुनाता हूँ,
पिघलोगे जिस दिन भी बाबा,
मानूँगा उपकार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
बड़े बड़े सेठों के,
तुम तो दाता हो,
मैं भी चाहूँ,
तुमसे मेरा नाता हो,
हुकुम चलाओं मुझपे दाता,
मैं भी सेवा को तैयार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
थक जाएँगे नैन,
भला कब आओगे,
आकर तब क्या,
झूठा फ़र्ज़ निभाओगे,
ना होता तो ना करदो,
नहीं डिकूँगा सरकार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
मन में ‘मोहित’,
एक सवाल ये आया है,
मेरा क्या मेरी तो,
नकली काया है,
दाग लगेगा तुमपे दानी,
सोचो तुम एक बार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
कान लगाकर सुनते हरदम,
मेरी करुण पुकार,
ओ बाबा मेरी करुण पुकार,
कोई तो इशारा करदो,
करदो ना बेड़ा पार।।
Singer – Mohit Jaju