कब होगा सब पहले जैसा,
कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश नवा के,
तेरा दर्शन पाऊंगा।।
तर्ज – क्या मिलिए ऐसे लोगों।
राह तकें हम जिस ग्यारस की,
वो शुभ बेला आई है,
कैसे होगा श्याम मिलन अब,
आंखें भी भर आई है,
तु ही आजा घर पे बाबा,
मैं ना दर आ पाऊंगा
कब होंगा सब पहले जैसा,
कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश नवा के,
तेरा दर्शन पाऊंगा।।
आकर जिसकी चौखट पर ये,
रहता था संसार खड़ा,
श्याम वहां और हम है यहां पे,
सूना है दरबार पड़ा,
चढ़के तेरी तैरह सीढ़ी,
कैसे भजन सुनाऊंगा,
कब होंगा सब पहले जैसा,
कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश नवा के,
तेरा दर्शन पाऊंगा।।
सब कुछ होगा ठीक पता है,
वक़्त बुरा छट जायेगा,
श्याम ‘सचिन’ के सिर पे आकर,
अपना हाथ फिरायेगा,
घर पे तेरी ज्योत जगा के,
मैं विश्वास बढ़ाऊंगा,
कब होंगा सब पहले जैसा,
कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश नवा के,
तेरा दर्शन पाऊंगा।।
कब होगा सब पहले जैसा,
कब मैं खाटू जाऊंगा,
कब चरणों में शीश नवा के,
तेरा दर्शन पाऊंगा।।
Singer – Sukhjeet Singh Toni
Lyricist – Sachin Tulsiyan
https://youtu.be/KDJc-gLR70I