कब शिरडी मुझे बुलाओगे,
बुलाओ मेरे साईयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले।।
तर्ज – बना के क्यों बिगाड़ा रे।
रोक सके ना आँख के आंसू,
उमड़ उमड़ ये बरसे रे,
तुझ बिन कौन सुनेगा मेरी,
जाऊं कहाँ किस दर पे रे,
रूठ गई क्यों मुझसे बहारे,
बतादे मेरे साईयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले।।
फूल खिला के खुशियों के यूँ,
ये क्या हुआ मुख मोड़ लिया,
हाथ पकड़ के चलने वाले,
काहे अकेला छोड़ दिया,
आशा जगाके चरण लगाके,
सताये क्यों रे साईयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले।।
चाँद बिना क्या चांदनी रहती,
दीप बिना क्या बाती रे,
ये धरती शिरडी वाले बिन,
कैसे रहे मुस्काती रे,
फूल खिला दे फिर से हसा दे,
हसा दे मेरे साईयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले।।
कब शिरडी मुझे बुलाओगे,
बुलाओ मेरे साईयाँ,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले,
शिरडी वाले ओ शिरडी वाले।।
Singer – Paras Jain