कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
भक्ति हाथ ले के,
शक्ति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
तुम दुर्गा रूप में आना,
तुम दुर्गा रूप में आना,
सिंह साथ ले के,
चक्र हाथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
तुम काली रूप में आना,
तुम काली रूप में आना,
खप्पर हाथ ले के,
योगिनी साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
तुम शीतला रूप में आना,
तुम शीतला रूप में आना,
झाड़ू हाथ ले के,
गधा साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
तुम गौरा के रूप में आना,
तुम गौरा के रूप में आना,
माला हाथ ले के,
गणपति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना।।
स्वर – अनुराधा जी पौडवाल।
प्रेषक – श्याम सुथार
9649778119