कभी लो खबर हमारी,
कभी हाल पूछ जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ,
दिनों के तुम सहारे,
कभी तो गले लगाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।
हो एक गम तो सह भी ले,
गम भी तो है हजारो,
कैसे जियेंगे बाबा,
तुम ही जरा विचारो,
दुःख सारे अब हरो तुम,
सुख नीर तुम बहाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।
अपने हुए पराए,
कैसी ये दुनियादारी,
रिश्तो पे भी है बाबा,
मतलब पड़ा है भारी,
अपना बना के बाबा,
अपने है क्या बताओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।
किस्मत को है मनाते,
कभी तुमको है मनाते,
इक दिन तो आएगा तू,
खुद को है ये बताते,
किस्मत भले ना माने,
‘निर्मल’ तुम मान जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।
कभी लो खबर हमारी,
कभी हाल पूछ जाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ,
दिनों के तुम सहारे,
कभी तो गले लगाओ,
मेरे श्याम आ जाओ,
घनश्याम आ जाओ।।
गायक – संजय मित्तल जी।