कभी ना कभी कही ना कहीं,
मेरा श्याम सलोना आएगा,
अपना मुझे बनाएगा,
जीवन ज्योत जगाएगा,
कभी ना कभी कही न कही,
मेरा श्याम सलोना आएगा।।
तर्ज – कभी ना कभी कहीं ना कहीं।
आस लगाए कबसे बैठे,
श्याम तुम्हारे चरणों में,
नित तेरा गुणगान करे हम,
गली गली और घर घर में,
नैन दरश के प्यासे है प्रभु,
कब तू दरश दिखाएगा,
अपना मुझे बनाएगा,
जीवन ज्योत जगाएगा,
कभी न कभी कही ना कही,
मेरा श्याम सलोना आएगा।।
कब तक गुण गाए हम तेरा,
इतना तो बतलाओ तुम,
गीता में जो वादा किया था,
उसको आन निभाओ तुम,
चरणों की धूलि पाने से मेरा,
जीवन सफल हो जाएगा,
अपना मुझे बनाएगा,
जीवन ज्योत जगाएगा,
कभी ना कभी कही न कही,
मेरा श्याम सलोना आएगा।।
श्याम मुरारी सुन लो हमारी,
हाथ जोड़ करके विनती,
जो जो पाप किए है हमने,
उनकी मत करना गिनती,
ये मन मुरख दर दर की प्रभु,
कबतक ठोकर खाएगा,
अपना मुझे बनाएगा,
जीवन ज्योत जगाएगा,
कभी ना कभी कही न कही,
मेरा श्याम सलोना आएगा।।
कभी ना कभी कहीं ना कहीं,
मेरा श्याम सलोना आएगा,
अपना मुझे बनाएगा,
जीवन ज्योत जगाएगा,
कभी ना कभी कही न कहीं,
मेरा श्याम सलोना आएगा।।
स्वर – संजू शर्मा जी।