कभी वो हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है,
वो नैया डूब ना सकती,
जिसे तूने संभाला है,
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
तर्ज – मुझे तेरी मोहब्बत का।
बदल देता कन्हैया तू,
इन हाथो की लकीरों को,
शहंशाह बनते देखा है,
तेरे दर पे फकीरों को,
जीता देता उसे तू जो,
ज़माने भर में हारा है,
वो नैया डूब ना सकती,
जिसे तूने संभाला है,
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
दया का तू समंदर है,
तू साथी बद नसीबों का,
तेरी चौखट ठिकाना है,
ये हम जैसे गरीबों का,
बचाई लाज तूने है,
तुम्हे जब भी पुकारा है,
वो नैया डूब ना सकती,
जिसे तूने संभाला है,
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
ज़रा मुझ दिन पर भी तू,
कृपा की एक नजर कर दे,
मेरे सिर पर दयालु तू,
दया का हाथ तो धर दे,
तेरे चरणों में भी ‘सोनू’,
मेरा संसार सारा है,
वो नैया डूब ना सकती,
जिसे तूने संभाला है,
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
कभी वो हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है,
वो नैया डूब ना सकती,
जिसे तूने संभाला है,
कभी वों हार ना सकता,
जिसे तेरा सहारा है।।
स्वर – विवेक अग्रवाल