कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
दोहा – सोना री धरती जठे,
चांदी रो आसमान,
रंग रंगीलो रस भरयो,
म्हारो प्यारो खाटू धाम।
कद आवोला सांवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
तर्ज – कदी आवो नी रसीला मारे देश।
फुला भरियो बाटको,
केसर भरी परात,
हाजिर ऊबा कानुड़ा,
मैं जोवा थारी बाट,
कद आवोला साँवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
सावण आवण कह गये,
कर गये कोल अनेक,
दिन दिन गिणता घिस गई,
मोरी आंगलिया री रेख,
कद आवोला साँवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
बागा में जद कोयल बोले,
मनडो म्हारो सतावे,
दास ‘अमानत’ सांवरिया बस,
नाम आप को गावे,
कद आवोला साँवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
कद आवोला साँवरिया म्हारे देश,
जोवा थारी बाट घणी।।
Singer – Azhar Ali (Khatu Dham)
चौकी लागो!