कहाँ जाके बैठा है मेरे कन्हैया,
अब पार लगा दे तू मेरी ये नैया।।
तर्ज – लगी आज सावन की।
कैसे बताएगा तेरा दीवाना,
मैं हो गया दुनिया से बेगाना,
माथे पे बोझ गमो की है शय्या,
अब किरपा तो कर दो,
दिखा अपनी छैया,
कहां जाके बैठा है मेरे कन्हैया,
अब पार लगा दे तू मेरी ये नैया।।
अगर तुम ना आए तो,
मर जाऊंगा मैं,
तुम्ही दिल में कान्हा,
कुछ के जाऊंगा मैं,
दुनिया से बेगाना मैं तो कन्हैया,
लगता है डूब जाएगी मेरी नैया,
कहां जाके बैठा है मेरे कन्हैया,
अब पार लगा दे तू मेरी ये नैया।।
कहाँ जाके बैठा है मेरे कन्हैया,
अब पार लगा दे तू मेरी ये नैया।।
Singer – Atal Bihari