काहे घबराता है दिल,
और काहे उदास है,
मुरलीधर मनमोहना,
दिल तेरे पास है,
काहें घबराता है दिल,
और काहे उदास है।।
ढूंढने की उसको क्या है दरकार,
सामने खड़ा है तेरा श्याम सरकार,
काहे को पुकारता है जोर जोर से,
खिंचता नहीं क्यों इसे प्रेम डोर से,
छोटी सी प्रेम कुटियाँ में,
छोटी सी प्रेम कुटियाँ में,
इसका निवास है,
काहें घबराता है दिल,
और काहे उदास है।।
सांवला कन्हैया तुझे देख रहा,
बात कैसे करूँ यही सोच रहा,
तू तो तेरे दुःख से परेशान है,
श्याम की तरफ तेरा नहीं ध्यान है,
तू भी निराश है यहाँ,
तू भी निराश है यहाँ,
वो भी निराश है,
काहें घबराता है दिल,
और काहे उदास है।।
सांवला कन्हैया तेरे साथ साथ है,
‘बनवारी’ डरने की क्या बात है,
श्याम का भजन दिन रात किए जा,
साथ तेरा देगा इसे याद किए जा,
निकले जुबां से श्याम श्याम,
निकले जुबां से श्याम श्याम,
जब तक ये साँस है,
काहें घबराता है दिल,
और काहे उदास है।।
काहे घबराता है दिल,
और काहे उदास है,
मुरलीधर मनमोहना,
दिल तेरे पास है,
काहें घबराता है दिल,
और काहे उदास है।।
Singer – Pramod Tripathi Ji