कहीं राम लिख दिया है,
कही श्याम लिख दिया है,
सांसो के हर सिरे पर,
सांसो के हर सिरे पर,
तेरा नाम लिख दिया है,
कही राम लिख दिया हैं,
कही श्याम लिख दिया है।।
तर्ज – तुझे भूलना तो चाहा।
सीता हरण में रावण,
संग गिद्ध की लड़ाई,
जब गिर गया जटायू,
तब याद प्रभु की आई,
हिस्से में उसके प्रभु ने,
हिस्से में उसके प्रभु ने,
निज धाम लिख दिया है,
कही राम लिख दिया हैं,
कही श्याम लिख दिया है।।
पहुँचे दुखी सुदामा,
सुखधाम के दुवारे,
घनश्याम रो दिए थे,
जब दीनता निहारे,
क्षण भर में एक दुखी को,
क्षण भर में एक दुखी को,
धन धाम लिख दिया है,
कही राम लिख दिया हैं,
कही श्याम लिख दिया है।।
शबरी को क्या पता था,
क्या चीज है तपस्या,
बस राम राम कह कर,
हल कर ली सब समस्या,
देकर बिदाई प्रभु ने,
देकर बिदाई प्रभु ने,
विश्राम लिख दिया है,
कही राम लिख दिया हैं,
कही श्याम लिख दिया है।।
कहीं राम लिख दिया है,
कही श्याम लिख दिया है,
सांसो के हर सिरे पर,
सांसो के हर सिरे पर,
तेरा नाम लिख दिया है,
कही राम लिख दिया हैं,
कही श्याम लिख दिया है।।
स्वर – पूज्य राजन जी महाराज।
प्रेषक – शैलेंद्र श्रीवास।
9926613601
बहुत अच्छा भजन हैं प्रभु के चरणों मे सत सत नमन