कैसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
मूसलाधार बरसात में,
लिया पर्वत उठा हाथ में,
आए ब्रजवासियों के काम,
सारी धरती जपे तेरा नाम,
कैंसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
कंस वध कर दिया बेफिकर,
माँ पिता कैद से मुक्त कर,
गाये धरती और अम्बर तमाम,
सारी धरती जपे तेरा नाम,
कैंसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
दिन दुखियों के दातार हो,
भरते भक्तों के भंडार हो,
तेरे चरणों में जीवन तमाम,
सारी धरती जपे तेरा नाम,
कैंसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
तेरी महिमा के गाऊं भजन,
तेरे चरणों में लागे लगन,
दर पे आया है ‘राधेश्याम’,
सारी धरती जपे तेरा नाम,
कैंसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
कैसा मेला लगाया तूने श्याम,
सारी धरती जपे तेरा नाम।।
स्वर – राधेश्याम जी तिवारी।
Bhut sundar
शोभनीय