कैसे लाऊं महामारी में,
जल गंगे महारानी से,
अब के काम चला ले भोले,
इन आंखों के पानी से,
अब के काम चला ले बाबा,
इन आंखों के पानी से।।
सावन के लगते ही मेरा,
दिल खाता हिचकोले,
बम बम के जयकारे को,
मेरी रसना बोले,
अरे मेरी रसना बोले,
तेरे कमल चरण से भोले,
मेरी प्रीत पुरानी से,
अब के काम चला ले भोले,
इन आंखों के पानी से,
अब के काम चला ले बाबा,
इन आंखों के पानी से।।
महामारी के चलते भोले,
मेला तेरा बैन हुआ,
है जितने कावड़िया तेरे,
सबका दिल बेचैन हुआ,
अरे सबका दिल बेचैन हुआ,
चप्पे-चप्पे पुलिस खड़ी है,
ड्यूटी पर सावधानी से,
अब के काम चला ले भोले,
इन आंखों के पानी से,
अब के काम चला ले बाबा,
इन आंखों के पानी से।।
कहे ‘अनाड़ी’ हालातों ने,
तुमको हमसे दूर किया,
हरिद्वार से जल लाने का,
सपना चकनाचूर किया,
अरे सपना चकनाचूर किया,
तेरी महिमा ‘सागर’ गाये,
तेरी मेहरबानी से,
अब के काम चला ले भोले,
इन आंखों के पानी से,
अब के काम चला ले बाबा,
इन आंखों के पानी से।।
कैसे लाऊं महामारी में,
जल गंगे महारानी से,
अब के काम चला ले भोले,
इन आंखों के पानी से,
अब के काम चला ले बाबा,
इन आंखों के पानी से।।
गायक / प्रेषक – सागर सांवरिया।
9211947046