कैसे सुनाऊं तेरे,
अहसान की कहानी,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा,
सब तेरी मेहरबानी,
कैसे सुनाऊ तेरे,
अहसान की कहानी।।
तर्ज – मैं ढूंढता हूं जिनको।
अंधेरी राह में बाबा,
क़भी गिरता सम्भलता था,
अकेला बेबसी में मैं,
खड़ा बस हाथ मलता था,
कर याद बीते पल को,
आंखों में आये पानी
कैसे सुनाऊँ तेरे,
अहसान की कहानी।।
लुटाया प्यार था जिस पर,
उसी ने दिल मेरा तोड़ा,
मेरे अपनो ने ही बाबा,
मुझे मझधार में छोड़ा,
इस दास की कन्हैया,
तूने की कदर जानी,
कैसे सुनाऊँ तेरे,
अहसान की कहानी।।
हुई तेरी दया मुझ पर,
मेरे गम मिट गए सारे,
मिला जीवन नया मझको,
क्या मांगूं और मैं प्यारे,
जन्मो जनम की अब तो,
तुमसे ही प्रीत ठानि,
कैसे सुनाऊँ तेरे,
अहसान की कहानी।।
यही अरदास अंतिम पल,
मुझे खाटू बुला लेना,
तरुण को साँवरे अपनी,
तू गोदी में सुला लेना,
तेरा नाम लेते लेते,
थम जाए जिंदगानी,
कैसे सुनाऊँ तेरे,
अहसान की कहानी।।
कैसे सुनाऊं तेरे,
अहसान की कहानी,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा,
जो कुछ भी हूँ मैं बाबा,
सब तेरी मेहरबानी,
कैसे सुनाऊ तेरे,
अहसान की कहानी।।
गायक / प्रेषक – रिंकू श्रीवास ‘रसिक’
9990048432