कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां,
तूने मुझसे बनाई बता तो जरा,
मैं भी हूँ वही तू भी है वही,
फिर क्यों नजरे चुराई बता तो जरा,
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां।।
तर्ज – मेरे रश्के क़मर।
जब मैं पहले तेरे द्वार आता था श्याम,
तू मुझे देखकर मुस्कुराता था श्याम,
तू मुझे देखकर मुस्कुराता था श्याम,
क्या खता हो गई क्या वजह हो गई,
क्या खता हो गई क्या वजह हो गई,
फिर क्यों पलकें झुकाई बता तो जरा,
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां।।
लाख कोशिश भी की तू नहीं मानता,
क्यों खफा है मोहन दिल नहीं जानता,
क्यों खफा है मोहन दिल नहीं जानता,
अब बोल भी दे लब खोल भी दे,
अब बोल भी दे लब खोल भी दे,
क्यों यह धड़कन बढ़ाई बता तो जरा,
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां।।
‘सतविंदर’ को क्यों दे रहा है सजा,
मैं पिघल जाऊंगा ना मुझे आजमा,
मैं पिघल जाऊंगा ना मुझे आजमा,
अश्क गिर जाएंगे और बिखर जाएंगे,
अश्क गिर जाएंगे और बिखर जाएंगे,
क्यों ये आंखें रुलाई बता तो जरा,
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां।।
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां,
तूने मुझसे बनाई बता तो जरा,
मैं भी हूँ वही तू भी है वही,
फिर क्यों नजरे चुराई बता तो जरा,
कैसी मजबूरियां श्याम ये दूरियां।।
Singer : Shashikant Verma