कैया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
रिझाणों कोणी जानू मे,
लुभाणों कोणी जानू,
में कैया रिझे श्याम।।
कोई तो पेहरावे इने,
बागा चमकणिया,
मोटा मोटा फूलड़ा का,
हार मेहकणिया,
सोणा सोणा श्याम ने,
सजानो कोणी जानू में,
कईया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
में कैया रिझे श्याम।।
खीर चुरमा का भोग लगाऊ,
छप्पन भोग सजाकर लाऊ,
कर्मा को सो खिचड़ो,
खुवाणो,कोनी जानू में,
कईया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
में कैया रिझे श्याम।।
नया नया नित की भजन सुनाऊ,
डोल मंजीरा भी खूब बजाऊ,
नरसिंह जैसो भाव,
जगाणों कोनी जानू में,
कईया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
में कैया रिझे श्याम।।
साँची साँची प्रीत ही श्याम ने भावे,
‘बिन्नू’ कैया श्याम ने रिझावे,
मीरा जैसी प्रीत,
लगाणों कोनी जानू में,
कैया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
में कैया रिझे श्याम।।
कैया रिझे श्याम,
रिझाणों कोणी जानू मैं,
रिझाणों कोणी जानू मे,
लुभाणों कोणी जानू,
में कैया रिझे श्याम।।
भजन प्रेषक – सम्पूर्ण़ बड़ोले