कलयुग के देव है ये,
श्री बाबोसा भगवान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान,
कोई इन्हें बाबोसा कहता,
कोई कहे हनुमान,
माँ छगनी का लाल है ये,
राजस्थान की शान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान।।
तर्ज – तुझको ना देखु तो।
चुरू नगर में जन्म है पाया,
माँ छगनी ने गोद खिलाया,
माघ सुदी पंचमी की मंगल बेला,
छाई है खुशिया लगा है मेला,
घेवर चंद जी का लाल ये प्यारा,
देने बधाई आया है जग सारा,
चमका ये बनके तेज सितारा,
पनालाल नाम था जिनका,
बालक था गुणवान,
मुखपे जिसके नूर बरसे,
तेज था सूर्य समान,
माँ छगनी का लाल है ये,
राजस्थान की शान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान।।
अजब अनोखी इनकी कहानी,
इनके नाम से दुनिया दीवानी,
जब बाबोसा स्वर्ग सिधारे,
बालाजी के बने प्राणों से प्यारे,
वरदान जब बाबोसा ने पाया,
कलयुग में देव बनके पूजाया,
फिर बाबोसा भगवान कहाया,
बाबोसा की महिमा मंजू,
जग में बड़ी है महान,
हम भक्तो के दिल मे दिलबर,
है इनका स्थान,
माँ छगनी का लाल है ये,
राजस्थान की शान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान।।
कलयुग के देव है ये,
श्री बाबोसा भगवान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान,
कोई इन्हें बाबोसा कहता,
कोई कहे हनुमान,
माँ छगनी का लाल है ये,
राजस्थान की शान,
इनके नाम से ही जग में,
भक्तो की है पहचान।।
गायक – शेलेन्द्र मालवीया।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा 9907023365