कलजुग रा लाल माँ की ममता राजस्थानी कथा,
पहला मनाऊ गणपत देव ने ओ दाता,
रिद्धि सिद्धी रा दाता आवजो,
थाने मनाऊ शारदा मावडी ओ म्हाने,
दीजो बुद्धि रो म्हाने ग्यान जी,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
एक गाँव री केवु वार्ता ओ भायो,
रेती दुखीयारन एक नार जी,
छिनयो विधाता जिनरा सुहाग ने,
ओ भायो दीन दुखो रा मोटा पहाड़ जी,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
एक टाबरियो घर में नेनको रे भाया,
ज्यारे आसरिये जीवन काटनो,
टाबर मावड ने लाडको रे भगतो,
नैनो मे नाही दिखे नीर जी,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
गीली गुदडीया सुती मावडी ओ भाया,
लाला ने सूखा में सुलावती,
मल मूत्र ज्यारे धोवती रे माता,
गाव गाव लोरी सुलावती,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
मोटो हुवो जद लालो समझन लाग्यो संतो,
जावे गायो चरावा आपरी,
मना ही करे ज्यारी मावडी ओ भगतो,
छाने छाने माता रे जावतो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
गाया चरावे लालो जंगल रे माई भायो,
छोरी सु नजरा मिलगी आयने,
अरे लालो देखे छोरी ने आवती जाती ने,
लडकी भी देखे लाला रे सामने,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
अरे लालो तो जावे जद भी मावडी रे सामी,
बोले चाले नही आपना आप ने,
अरे माता पूछे ओ लाला काई होयो थारे,
थारी तबियत लागे नही ठीक जी,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
अरे आयी आयी माता तो मिन्दरिया माई,
माता चरना मे धोक लगावती,
अरे धूप धूपेडा किना देवीयों ने संतो,
धोक लगाने पाछी आ गई,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
दिनडो उग्यो जद लालो चालीयो गाया ले,
जंगल रे माई पाछो आवियो,
देख छोरी ने मन में प्रेम होयो रे भाया,
मनडा री बात उने नही बतावतो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
रोज छोरी ने देखे छोरी भी देखे उनने,
पर नई मुखडा दोनो बोलीया,
लालो विचारीयो मन में केवु मनडे री बाता,
गयो लालो छोरी रे पास मे,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
सावरा सावरा ओ पिया ओ पिया,
ओ दिवानों होयो है गोरी,
ओ मन भायो,
तू केवे ज्यु करूला सुन केनो म्हारो,
तू केवेला ज्यु करूला,
सुन केनो म्हारो पिया ओ पिया।।
ओ सावरा ओ पिया ओ पिया,
अरे लावुला लावुला लावुला थारे वास्ते,
कालजो लावुला लावुला म्हारी माँ रो,
कालजो थासु परणीजु सुन केनो म्हारो,
थासु परणीजु सुन केनो म्हारो,
पिया ओ पिया ओ पिया,
दिवानों होयो है गोरी म्हारो,
दिवानों होयो है गोरी मन म्हारो,
तू केवे ज्यु करूला,
सुन केनो म्हारो,
माँ रो कालजो लावुला,
सुन केनो म्हारो।।
प्रेम रा जाल में आंधो बनीयो बेटो,
हालीयो नवलराते,
घालीयो आयो रे लालो बेरना माई,
खंजर लायो वो साथे,
प्रेम रा जाल में आंधो बनीयो बेटो।।
अरे घर रो दरवाजो बजावे बेटो,
माता दौडी दौडी आयी,
खोले है दरवाजो माता पूछीयो,
इतरी कठे लगाई वार,
खोले है दरवाजो माता पूछीयो,
बेटा कठे लगाई वार,
प्रेम मे पडीयो है आंधो लाल वो,
खंजर लायो वो साथे,
माता ने मारन बेटो चालीयो।।
हाथ मुंह धोवने रोटी जिमले,
मने नींदरा तो आय,
पोल में ढलीयो है थारो ढोलीयो,
सोजा रोटी तू तो खाय,
पोल में ढलीयो है है थारो ढोलीयो,
सोजा रोटी तू तो खाय,
माता ने मारन बेटो चालीयो,
खंजर लियो हाथा माय।।
इतरो केवे ने माता सोय गई,
आयी नींदरा रे माय,
इतरो केवेने माता सोय गई,
आयी नींदरा रे माय,
बेटो तो दरवाजो खोलने आवियो,
खंजर हाथो रे माय,
मावडी ने मारन बेटो चालीयो,
प्रेम में आंधो बनीयो बेटो,
माता रो कालजो लेवन चालीयो।।
अरे माते तो सवार भूत प्रेम रो,
नही दिखे ममता आज,
खंजर लिदोडो हाथो रे मायने,
आयो माताजी री ओल,
खंजर तो बेटा रे देखो हाथ में,
आयो माता री ओल,
माता ने मारन बेटो चालीयो।।
अरे होले तो होले आयो मात कने,
देखन लागो माता ने,
देख देखे वो मावड ने माता बेटा ने,
नींद खुलगी रे माय,
सुतोडी जागी ओ आतो मावडी,
पूछन लागी होयो काई,
माता ने मारन बेटो चालीयो।।
अरे हाथा सु दबायो माँ रा मुखडा ने,
लिनो खंजर उठाय,
खंजर तो घुसायो माँ रे छाती मे,
थर थर माँ तो धुंजन लाग,
माता रो कालजो बेटो काडियो,
प्रेम रा जाल में फसीयो,
आय माता ने मारन बेटो चालीयो,
प्रेम मे आंधो बनीयो बेटो।।
अरे माता रो काडियो बेटो कालजो,
लियो हाथो रे माय,
खूनो रा तो झरना वटे बह रया,
कालजा माई आवे आवाज,
रोटी तो नही खाई म्हारा लाल तू,
बोलीयो कालजो यु आज,
माता रो कालजो फिर भी बोलीयो,
रोटी खाई नही आज,
माता ने मारन बेटो चालीयो।।
अरे हिलीयो सिंहासन देवी देवता रो,
आयो जोर रो तूफान,
धरती धुंजे ने मेहुडो गाजीयो,
नदियाँ मे आयो उफान,
प्रेम रा जाल में आंधो बनीयो बेटो,
लायो कालजो माँ रो आज।।
अरे मावडली रो काड कालजो,
मन ही मन मुस्काय,
अरे मावडली रो काड कालजो,
मन ही मन मुस्काय,
अरे भूत प्रेम रो इन पर चढियो,
कुछ भी नजर न आय,
अरे प्रेम रो भूत इन पर चढियो,
कुछ भी नजर न आय।।
अरे वाह वाह ओ कलयुग रा बेटा,
केडो वीर कहाय,
वाह वाह ओ कलयुग रा बेटा,
केडो वीर कहाय,
अरे जिन माता थाने जन्म दियो तू,
उनने ही मारन आय,
जिन माता थाने जन्म दियो तू,
उनने ही मारन आय।।
अरे घणी आस सु मोटो करीयो,
सपना भी शर्माय,
अरे घणी आस सु मोटो करीयो,
सपना भी शर्माय,
अरे बनीयो न बुढापे री लाठी,
तू माँ रो कालजो लाय,
बनीयो न बुढापे री लाठी,
तू माँ रो कालजो लाय।।
अरे वाह रे कलयुग रा बेटा,
सुख तू कदेनी पाय,
वाह रे कलयुग रा बेटा,
सुख तू कदेनी पाय,
अरे छोड स्वर्ग री आशा तू तो,
सीधो नरक में जाय,
छोड़ स्वर्ग री आशा तू तो,
सीधो नरक में जाय,
अरे मावडली रो काड कालजो,
मन ही मन मुस्काय।।
अरे माँ रो कालजीयो लेने हाल रयो बेटो,
पड्यो ठोकर खाय मार्गे,
हाथा सु छूटो माँ रो कालजो रे भईडा,
पड्यो अलगो जायने मार्गे,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
माँ रो कालजीयो मुंडे बोलीयो रे लाला,
लागी तो कोनी थारे डिकरा,
प्रेम रो भूत इन पर सुनीयो नही तो,
बेटो चालन लागो रे सीधो मार्गा,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
देख लडकी ने लालो मुस्कावे मन ही मन मे,
छोरी चरना मेलीयो कालजो,
थे जो मांग्यो तो मैं तो लावियो ए छोरी,
ओले म्हारी माता रो कालजो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
बडी़ विचार मे छोरी कितरो मूर्ख है वो,
माता रो काड ने लायो कालजो,
म्हारे सरीकी खोय रूपाली मारे लाला वो तो,
म्हारो भी काडे दे गो कालजो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
अरे काई विचार में पडगी गोरडी तू म्हारी,
छोड़ सबाने सगला जावन दे,
अरे म्हारे मनडा री रानी चालो मिन्दर मे आपा,
जाय ने फेरा दोनु खायला,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
ठहरो लाला जी थाने केवु मै बात एक,
आपा दोना रो ब्याव नाही होवे,
म्हारो कहिया सु लाया कालजो थारी माँ रो,
थारे जेडा तो पापी नाही होवे,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
कोई मिल जासी थाने मासु रूपाली नारी,
म्हारो भी काडेसी तू कालजो,
नाही होवो थारो म्हारो ब्याव ओ लाला,
देख खाडा मै तो न पडू,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
आया थाना रा थानेदार वटे भाईडा,
खून में लतपथ देख्यो कालजो,
माँ रा खून जुर्म में पकड्यो बेटा ने,
हथकड़ी पेराई उनरे हाथ में,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
थू थू कर थूकन लागा दुनिया रा लोग वटे यु,
सजा दोे पापी ने तो मोटकी,
अरे पकड ले गया थाना वाला भाईडा,
पापी नेे सजा देवन लागीया,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
अरे थाना री तोड बारी भागीयो देखो बेटो,
भाग्यो जंगल रे मायने,
अरे सामी मिलीयो एक शेर,
पकडी गर्दन शेर तो खायो रे कोनी कालजो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
अरे कर्मा री सजा दीनी थी मालिक रे घर री उनने,
किनो हिसाब माता रे चुकतो,
अरे सांप उन लडकी ने तो डस गयो रे संतो,
जिन ने मंगायो माता रो कालजो,
कथा रे केवु कलजुग रा लाल री,
ओ भगतो सुनजो थे ध्यान लगाय ने।।
गायक – महेंद्र सिंह जी राठौड़ नीताजी नायक।
प्रेषक – मनीष सीरवी।
(रायपुर जिला पाली राजस्थान)
9640557818