कामदगिरि की करो परिक्रमा,
ध्यान लगा भगवान का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
रामघाट में पहले जायें,
मंदाकिनि स्नान को,
ब्रह्मा ने जिन शिव को पूजा,
वहीं लगाओ ध्यान को,
राम ने पूछा मतगयेन्द्र से,
बसने के स्थान का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
अब कामदगिरि की करों परिक्रमा,
तीनो मुख अरविंद के,
ब्रह्मा विष्णु शिव जी हैं,
हर इक चरणाविन्द में,
भरत राम का मिलन जहां पर,
क्या कहना उस धाम का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
फटकशिला और हनुमतधारा,
जैसे पावन धाम यहां,
अनुसुइया आश्रम को देखें,
खुद में है इक अलग जहाँ,
जहां त्रिदेव बने थे बालक,
पता चला ना ज्ञान का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
पंचवटी में प्रगट हुई जो,
गोदावरी इस धाम की,
यहीं नदी को गुप्त कर दिया,
ये महिमा प्रभु राम की,
ग्यारह वर्ष बिताकर सोचा,
पंचवटी प्रस्थान का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
कामदगिरि की करो परिक्रमा,
ध्यान लगा भगवान का,
सुफल मनोरथ हो जाएं सब,
दर्शन हो श्री राम का।।
Singer – Shiva & Janhavi
Lyrics – Udaybhan Tripathi
Creations – Chitrakoot Music Production