मैं हार के दर पे आया,
कान्हा ने हाथ बढ़ाया,
पलभर में श्याम धनि ने,
हारे को गले लगाया,
कन्हैया ने मुझे अपनाया है,
सेवा में लगाया है।bd।
तर्ज – ये बंधन तो।
जैसा सुना था मैंने,
देखा वो ही नज़ारा,
बिच सिंहासन बाबा,
चारो तरफ जयकारा,
चौखट पर भीड़ खड़ी थी,
आँखों में आस बड़ी थी,
मैं भी कर जोड़ खड़ा था,
थोड़ा सा जिद पे अड़ा था,
कन्हैया ने मुझे अपनाया हैं,
सेवा में लगाया है।bd।
जबसे सांवरिया ने,
थामी मेरी कलाई,
गम के आंसू दूर हुए,
खुशियां घर में आई,
अब फ़िक्र नहीं करता हूँ,
मंजिल को मैं बढ़ता हूँ,
जब भी मन घबराएगा,
विश्वास है ये आएगा,
कन्हैया ने मुझे अपनाया हैं,
सेवा में लगाया है।bd।
भूल नहीं सकता मैं,
जो उपकार किया है,
लखदातार ने मुझको,
इतना प्यार दिया है,
भजनों का भाव जगाया,
इस जग में मान बढ़ाया,
‘शिवम’ श्री श्याम रिझाए,
और सबको ये बतलाए,
Bhajan Diary Lyrics,
कन्हैया ने मुझे अपनाया हैं,
सेवा में लगाया है।bd।
मैं हार के दर पे आया,
कान्हा ने हाथ बढ़ाया,
पलभर में श्याम धनि ने,
हारे को गले लगाया,
कन्हैया ने मुझे अपनाया है,
सेवा में लगाया है।bd।
Singer – Pankaj Joshi