कन्हैया ओ कन्हैया,
पैरों में पड़े छाले,
पास अपने तू बुला ले,
मेरे यार मुरली वाले,
घनश्याम मुरली वाले,
कन्हैया ओं कन्हैया।।
ये सुना है सारे जग का,
मेरे श्याम तू सहारा,
जिसका है तू सहारा,
जीवन में वो ना हारा,
हर ले कष्ट तू मेरे मन का,
यार हूँ मैं तेरे बचपन का,
अब तो साथ निभा ले,
मेरे यार मुरली वाले,
घनश्याम मुरली वाले,
कन्हैया ओं कन्हैया।।
आता है याद मुझको,
गुजरा हुआ जमाना,
लेकर के साथ तुझको,
गैया चराने जाना,
वन वन गैया खूब चराई,
ओ मेरे घनश्याम कन्हाई,
तेरे खेल निराले,
मेरे यार मुरली वाले,
घनश्याम मुरली वाले,
कन्हैया ओं कन्हैया।।
किस्मत का हूँ सताया,
फिरता हूँ मारा मारा,
पता तेरा नहीं पाया,
मैं पूछ पूछ हारा,
इतनी देरी तू ना कर या,
ओ मेरे घनश्याम सांवरिया,
अब तो गले लगा ले,
मेरे यार मुरली वाले,
घनश्याम मुरली वाले,
कन्हैया ओं कन्हैया।।
कन्हैया ओ कन्हैया,
पैरों में पड़े छाले,
पास अपने तू बुला ले,
मेरे यार मुरली वाले,
घनश्याम मुरली वाले,
कन्हैया ओं कन्हैया।।
– गायक एवं प्रेषक –
सुभाष जी तिलकधारी।
संपर्क – 9783248824