कन्हैया सांवरी सूरत,
मेरे दिल में समाई है,
मेरे दिल में समाई है,
गजब की बांसुरी तूने,
जो मधुबन में बजाई है,
मेरे दिल में समाई है।।
तुम्हारे हैं अधर प्यारे,
मधुर मुस्कान वाले है,
मोर का पंख माथे पे,
बाल तेरे घुंघराले है,
तुम्हारी मोहनी मूरत,
हमने दिल में बसाई है,
मेरे दिल में समाई है।
कन्हैया साँवरी सूरत,
मेरे दिल में समाई है,
मेरे दिल में समाई है।।
है तिरछी तेरी चितवन तो,
नैन तेरे कजरारे है,
नशीली तेरी आँखों पे,
हुए कितने मतवारे है,
तुम्हारी नजरों से मोहन,
चोट हमने भी खाई है,
मेरे दिल में समाई है।
कन्हैया साँवरी सूरत,
मेरे दिल में समाई है,
मेरे दिल में समाई है।।
है तन पे पीला पीताम्बर,
कि कांधे कमली काली है,
अदा है तेरी बांकी जो,
जमाने से निराली है,
हो छलिया चोर तुम मोहन,
नींद मेरी चुराई है,
मेरे दिल में समाई है।
कन्हैया साँवरी सूरत,
मेरे दिल में समाई है,
मेरे दिल में समाई है।।
कन्हैया सांवरी सूरत,
मेरे दिल में समाई है,
मेरे दिल में समाई है,
गजब की बांसुरी तूने,
जो मधुबन में बजाई है,
मेरे दिल में समाई है।।
गायक / प्रेषक – धीरज कुमार गोस्वामी।
9675791222