कर भक्ति से प्यार,
जब पावे तू तो,
अमर पति म्हारी हेली,
कर भक्ती से प्यार।।
हां म्हारी हेली,
श्रुति करत पुकार,
भक्ति बिन थारी,
मुक्ति नहीं री,
कर साधन की सार,
धारं नित हिये में हरि री,
कर भक्ती से प्यार।।
हां म्हारी हैली,
सुधरिया केई जीव,
पाई है ज्याने,
सदर गति री,
कर्मों से गति नहीं होय,
मारेगा तोही काल जती री,
कर भक्ती से प्यार।।
हां म्हारी हेली,
गुरु का वचन चित धार,
तन मन भेंट करो,
आज्ञा में पावो मति चूक,
कहवे है थाने ग्रन्य सभी री,
कर भक्ती से प्यार।।
हां म्हारी हेली,
सत्संग भरिया समुद्र,
नित उठ स्नान करो,
तीनों ही ताप मिट जाय,
पूरन पीव वरो,
कर भक्ती से प्यार।।
हां म्हारी हेली,
भैरूराम दीनी सार,
सुन्न माही समाहि रही,
जीवन मुक्ति को लाभ,
‘कमला’ घर मांही लियो,
कर भक्ती से प्यार।।
कर भक्ति से प्यार,
जब पावे तू तो,
अमर पति म्हारी हेली,
कर भक्ती से प्यार।।
गायक – सांवरिया निवाई।
मो. 7014827014