कर भरोसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा,
नैया जब जब डोले तेरी,
उसको पार लगा देगा,
कर भरोंसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा।।
तर्ज़ – कस्मे वादे प्यार वफ़ा।
संकट हारी संकट मोचन,
दुनिया वाले बोल रहें,
बंद किस्मत के ताले देखों,
बालाजी तो खोल रहें,
मन में हो विश्वास जो पक्का,
तेरा काम बना देगा,
कर भरोंसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा।।
मुरछित हुए जब लक्ष्मण जी,
और राम प्रभु घबराए थे,
लाकर संजीवन हनुमत ने ही,
लखन के प्राण बचाए थे,
ऐसे है ये देव दयालु,
हर उलझन से बचा लेगा,
कर भरोंसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा।।
सच्चे मन से जो भी कोई,
सुन्दरकाण्ड का पाठ करे,
भूत पिचास निकट ना आवे,
‘चंद्रबाला’ ये दावा करे,
पूरी होती मुरादें सबकी,
बस तुम अर्जी लगा देना,
कर भरोंसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा।।
कर भरोसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा,
नैया जब जब डोले तेरी,
उसको पार लगा देगा,
कर भरोंसा बालाजी पर,
हर संकट निपटा देगा।।
स्वर – प्रदीप पुष्प जी।
प्रेषक – नितिन शर्मा।
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