कर दो कृपा छठ माँ,
ओ मैया,
कर दो कृपा छठ मां,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
तर्ज – हुस्न पहाड़ों का।
सोच के बिताऊं मैं,
सारी सारी रतियाँ,
तेरे दरश को,
तरसे है अखियां,
दरश दिखा छठ माँ,
मुझे भी,
दरश दिखा छठ माँ,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
साथी सहेली को,
घर में बुलाऊँ,
थाल सजाऊँ,
तुझे भोग लगाऊं,
तू भी तो आ छठ माँ,
हमारे घर,
तू भी तो आ छठ माँ,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
साँझ विहाने,
तेरे घाट जाऊं,
दीनानाथ को जाके,
अर्घ चढ़ाऊँ,
मुझे भी बुला छठ माँ,
एक बार,
मुझे भी बुला छठ माँ,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
सच्चे हृदय से,
तुझको मनाऊं,
अमर सुहागन,
मैं वर चाहूँ,
सुनले जरा छठ माँ,
कहे ये ‘शिवम’,
सुनले जरा छठ माँ,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
कर दो कृपा छठ माँ,
ओ मैया,
कर दो कृपा छठ मां,
करूँ मैं तेरा व्रत हर साल,
तुझे पूजूँ सदा छठ माँ।bd।
Singer – Annushree Sharma
Bahut acha