कर दो ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम,
दर ये ना छुटे तेरा,
दर ये ना छुटे तेरा,
जन्मों जन्म,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
तर्ज – बहुत प्यार करते है।
राणथभवर के प्यारे,
त्रिनेत्र धारी,
संग में बिराजे तेरे,
रिद्धि सिद्धि प्यारी,
दर्शन को मेरे,
दर्शन को मेरे,
तरसे नयन,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
इतनी तमन्ना,
कर दो ना मेरी,
पूजा करूँगा,
हरदम मैं तेरी,
सेवा करूँगा,
सेवा करूँगा,
जन्मों जन्म,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
इच्छा जो मन की,
मेरी पूरी करो ना,
दुख में पड़ा हूँ,
दुख दूर करो ना,
रखूंगा दिल में,
रखूंगा दिल में,
तेरा रणथम्ब,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
परिवार मेरा सुनलो,
तेरे हवाले,
विध्न विनाशक माँ,
गिरजा के प्यारे,
रिझाएंगे भजनों से,
रिझाएंगे भजनों से,
जब तक है दम,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
रिश्ता ये तेरा मेरा,
नही जग से छिपेगा,
छाई खुशियां जीवन में,
ऐसा लगेगा,
कहता ‘पारशर’ अब तो,
कहता ‘पारशर’ अब तो,
ले लो शरण,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
कर दो ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम,
दर ये ना छुटे तेरा,
दर ये ना छुटे तेरा,
जन्मों जन्म,
कर दों ना गणपति मुझपे,
इतनी रहम।।
Lyrics by – Pradeep Parashar,
Mob. 8239934402
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