कर दी बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी,
मौज मेरी कर दी,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
मंगल का जब से व्रत किया है,
मंगल का जब से व्रत किया है,
प्याज लहसुन को त्याग दिया है,
सारे ही देव समाज ने,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
निश दिन की जब से जोत जगाई,
निश दिन की जब से जोत जगाई,
बर्कत ही बर्कत सफल कमाई,
हनुमान के नाम जहाज ने,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
शुरु किया जब से धाम प जाणा,
शुरु किया जब से धाम प जाणा,
मन हो गया भक्ति में दिवाना,
इस छोटे से अलफाज ने,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
हनुमत का जब से रोट लगाया,
हनुमत का जब से रोट लगाया,
घर में कमल सिंह जागरण कराया,
बाबा की एक आवाज ने,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
कर दी बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी,
मौज मेरी कर दी,
मौज मेरी कर दी
कर दि बालाजी महाराज ने,
मौज मेरी कर दी।।
स्वर – नरेंद्र कौशिक।
भजन प्रेषक,
राकेश कुमार
9992976579
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