कर्जो कर लियो रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
नौ दस मास गर्भ मे झुल्यो,
उदो रे थारो मुखड़ों,
कोल वचन कर बाहर आयो,
फेर लियो रे मुखड़ों,
कर्जों कर लियों रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
बाल पणो हंस खेल मे गमा दियो,
गोडा वालो रगड़ो,
आयी जवानी चिरिया संग लाग्यो,
बिन्द बण्यो तगडो,
कर्जों कर लियों रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
आयो बुढापो रोग सतायो,
हाथा मे लियो लखडो,
थारी मारी छोड़ बावला,
राम नाम रटलो,
कर्जों कर लियों रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
सत्संग माये गुरू जी मिलिया,
शब्द दियो तन तगडो,
कह गया दास सुणो भाई साधू,
मेट दियो दूखडो,
कर्जों कर लियों रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
कर्जो कर लियो रे कर्मा को,
एक दिन माचेलो झगड़ों।।
गायक – हिरालाल पोसवाल, गिरधारी गुर्जर।
चिताखेडा। 7340545978