करले चिंतन छोड़ दे चिंता,
बाबोसा के हाथ में,
बनके पिता वो तेरी चिंता हरेंगे,
बेठे है तेरे साथ में।।
तर्ज – हमदम मेरे मान भी।
चिंता ही बनती चिता,
करले जरा विचार,
हर मुश्किल तेरी हल होगी,
बाबोसा के द्वार,
तू मन को मोड ले,
ये रिस्ता जोड़ ले,
बदल जाएगी ये किस्मत,
तेरी बस एक ही रात में,
करलें चिंतन छोड़ दे चिंता,
बाबोसा के हाथ में।।
बाबोसा के रूप में,
मिले हमे बाईसा,
प्यार लुटाती भक्तो पर,
हर पल हमेशा,
ये प्रेम की है गागर,
करुणा की सागर,
ये ममता की मूरत है,
जो रहती सदा ही साथ में,
करलें चिंतन छोड़ दे चिंता,
बाबोसा के हाथ में।।
निर्बल को बल देते है,
बाबोसा भगवान,
धनहीन को धन देते है,
दंपति को संतान,
हाथों को जोड़कर,
तू इनका ध्यान धर,
‘दिलबर’ खुल जाये किस्मत,
बस दर्शन करने से,
करलें चिंतन छोड़ दे चिंता,
बाबोसा के हाथ में।।
करले चिंतन छोड़ दे चिंता,
बाबोसा के हाथ में,
बनके पिता वो तेरी चिंता हरेंगे,
बेठे है तेरे साथ में।।
गायक – दिलीप बाफना मुम्बई।
लेखक / प्रेषक – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’।
9907023365