बीरा रे मत दीजो मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
ओ भई रे एक पिता रे पुत्र चार,
चारों री करणी न्यारी न्यारी,
ओ भई रे पहलो राजा रे दरबार,
दूजोडो हिरा पारखी,
ए भई रे तीजो बन्जारा री हाथ,
चौथोडो फिरे पोलीया,
ओ भई रे बींरा रें मत दीजो,
मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
ओ भई रे एक माटी रा बर्तन चार,
चारों री करणी न्यारी न्यारी,
ओ भई रे पहला मे दहीडो भीलोय,
मसाना दूजो चालीयो,
ए भई रे तीजो पिनीहारा रे बीच,
चौथोडो हरदम बाजडू,
अरे भई रे तीजो पिनीहारा रे बीच,
चौथोडो हरदम बाजडू,
ओ भई रे बींरा रें मत दीजो,
मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
ओ भई रे एक गौ रे बछडा चार,
चारों री करणी न्यारी न्यारी,
ओ भई रे एक सूरज जी रो सांड,
दूजोडो शिव रो नान्दीयो,
ओ भई रे एक सूरज जी रो सांड,
दूजोडो शिव रो नान्दीयो,
ओ भई रे तीजो घाणी वालो बेल,
चौथो बिन्जारो नाथीयो,
ओ भई रे बींरा रें मत दीजो,
मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
ओ भई रे एक बेल रे तोम्बा चार,
चारों री करणी न्यारी न्यारी,
ओ भई रे पहलो तो सतगुरु जी रे हाथ,
दूजो जल जमना गयो,
ओ भई रे तीजो तम्बुरा रा बीण,
चौथोडो भिक्षा मांग रयो,
ओ भई रे कह गया दास कबीर,
कर्मो रा भारा न्यारा न्यारा,
ओ भई रे बींरा रें मत दीजो,
मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
बीरा रे मत दीजो मावडली ने दोष,
कर्मा री रेखा न्यारी न्यारी।।
स्वर – प्रकाश माली जी।
प्रेषक – मनीष सीरवी
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