कर्मो री रेखा मिटाये नही मिटे वो,
दोहा – लिखियोडा लेख मिटे नही,
और मिटे नही कर्मो री रेख,
काया एक है,
कर्मो री रेख अनेक,
कर्मो री रेख अनेक।।
कर्मो री रेखा मिटाये नही मिटे वो,
कर्म करे जैसा वो फल पाए,
हो लिखियोडा लेख नही मिटे वो,
जग मे थोडो मिठो बोल,
कंचन काया रो नही कोई मोल।।
मोह माया रो मत कर अभिमान,
मोह माया रो मत कर अभिमान,
पाप रो घडो भरियो जाए,
पाप रो घडो भरियो जाए,
हो जीवनो थोडो पछे मर्णो,
जग मे थोडो मिठो बोल,
कंचन काया रो नही कोई मोल।।
भला बुरा रो ज्ञान लेले बंदे,
भला बुरा रो ज्ञान लेले बंदे,
भजन से मीरा ने प्रभु पाए,
भजन से मीरा प्रभु पाए,
हो भजन से मन की पीड़ा हर जाए,
जग मे थोडो मिठो बोल,
कंचन काया रो नही कोई मोल।।
बोलियोडा बोल पाछा नही आवे,
बोलियोडा बोल पाछा नही आवे,
सच बोलियोडो अमरापुर जावे,
सच बोलियोडो अमरापुर जावे,
हो लिखियोडा गुण कुलदीप गावे,
जग मे थोडो मिठो बोल,
कंचन काया रो नही कोई मोल।।
गायक / लेखक – कुलदीप राव।
8003602657