करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
विघ्न अमंगल तेरी कृपा से,
मिटते है गजराज जी,
विश्व विनायक बुद्धि विधाता,
श्री गणपति गजराज जी,
जब भी मन से करूँ अभिनन्दन,
अंतर मन हो जाए पावन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।
करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
रिद्धि सिद्धि के संग तिहारो,
सोहे मूस सवारी,
शुभ और लाभ के संग पधारो,
भक्तन के हितकारी,
काटो क्लेश कलह के बंधन,
हे लम्बोदर हे जग वंदन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।
करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
देवो में है प्रथम पूज्य,
हे एकदंत शुभकारी,
वंदन करे ‘देवेंद्र’ उमासूत,
पर जाऊँ बलिहारी,
करता ‘कुलदीप’ महिमा मंडन,
‘बादल’ विघ्नेश्वर का सुमिरण,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
करूं वंदन हें शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
करूँ वंदन हे शिव नंदन,
तेरे चरणों की धूल है चन्दन,
तेरी जय हो गजानन जी,
जय जय हो गजानन जी।।
स्वर – देवेंद्र पाठक जी।
Absolutely spiritual bhajan of Shree Ganesh who is being worshiped in the universe since beginning of this creation of nature.
मनमोहक और भक्ति रस से भरपूर।।।