करुणा निधान सांवरा,
रखता मेरी खबर,
हर पल सहारा श्याम का,
मैं क्यों करूँ फिकर,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
क्या क्या ये दे रहा मुझे,
कैसे बताऊँ मैं,
बिगड़े बनाए काम जो,
कितने गिनाऊं मैं,
जब भी पुकारूं दौड़ के,-२
आता वो मेरे घर,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
ये ही संभालता मुझे,
गिरने से थामता,
करता सदा ही माफ़ ये,
मेरी सभी खता,
इसकी दया से हो रहा,-२
मेरा गुजर बसर,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
जाऊँ जहाँ भी मैं कहीं,
रस्ता दिखा रहा,
अपने ही प्रेमियों से ये,
मुझको मिला रहा,
चलता हैं साथ साथ में,-२
बनकर के हमसफ़र,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
ऐसे दयालु देव की,
करता हूँ बंदगी,
लिख दी है इसके नाम से,
मैंने ये ज़िंदगी,
‘बिन्नू’ ने इसका फैसला,-२
छोड़ा है श्याम पर,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
करुणा निधान सांवरा,
रखता मेरी खबर,
हर पल सहारा श्याम का,
मैं क्यों करूँ फिकर,
करुणा निधान साँवरा,
रखता मेरी खबर।।
स्वर – विकास रुईया जी।