कश्ती मेरी भवर में,
इसे पार तुम लगाओ,
मेरे डूबने से पहले,
आ कर मुझे बचाओ,
कश्ती मेरी भंवर में,
इसे पार तुम लगाओ।।
जिसको भी समझा अपना,
बेगाना हो गया है,
विश्वास जिसपे था वो,
मुझे धोखा दे गया है,
हार तेरे दर आया,
मुझपे दया दिखाओ,
कश्ती मेरी भंवर में,
इसे पार तुम लगाओ।।
मतलब के सारे रिश्ते,
कहलाने को अपने है,
जो देखती निगाहे,
बन जाते वो सपने है,
आशा तुम्ही से है बस,
मुझको ना ठुकराओ,
कश्ती मेरी भंवर में,
इसे पार तुम लगाओ।।
समझा प्रभु मैं तू ही,
सबका पालनहार है,
तू ही सब कुछ देता,
तू सबका दातार है,
‘भरत’ भी अर्जी करता,
उसकी आस पुराओ,
Bhajan Diary Lyrics,
कश्ती मेरी भंवर में,
इसे पार तुम लगाओ।।
कश्ती मेरी भवर में,
इसे पार तुम लगाओ,
मेरे डूबने से पहले,
आ कर मुझे बचाओ,
कश्ती मेरी भंवर में,
इसे पार तुम लगाओ।।
Singer – Rajiv Kumar Dugar