कुण तो सुनासी माँ की ममता,
कुन नेनी बाई को मायरियो,
कटे गया गुरु राजकुमार जी,
बिलख रहयो छ टाबरीयो।।
पाच लाडल्या बिल्के थाकी,
बिलके छोटो टाबरयो,
माँ की ममता डल डल रोवे,
कटे गए मारो कानुडो।।
मात पिता तो डल डल रोवे,
रोवे अकेली भाभी जी,
बन्द पड़यो जी घर को तालो,
गमगी जी की चाबी जी।।
सागल प्ती में कुण सुनासी,
कूण सालासर के माया जी,
रही कुआं पर एकल्डी,
कुण्ण तो मोडी गाया जी।।
सोनू बैरागी बीलके थाने,
चरना शीश झुकावे जी,
अर्ज़ करू सावरिया न,
बास बेकुंटा पाओ जी।।
कुण तो सुनासी माँ की ममता,
कुन नेनी बाई को मायरियो,
कटे गया गुरु राजकुमार जी,
बिलख रहयो छ टाबरीयो।।
गायक / प्रेषक – सोनू बैरागी।
मोतीपुरा बूंदी 8619371168