कठे रीया ता रे रात वीरा,
कठे रे नोकाया रंग ला छोटणा रे जी।।
गिया ता गाजणीये रे गांव वीरा,
वठे रे नोकाया रंग ला छोटणा रे जी।।
दीदी ओपरी पोमो रे बेन वीरा,
डाईसे दीदी केसर कालवी रे जी।।
दीदु धुंदलियु जोड़ वीरा,
पोणी रे पीवा ने नाड़ी नींबली रे जी।।
क्यों नहीं जुबो रे कालों नाग वीरा,
आगला वैरयो ने घरे परा वोदया जी।।
मरे जको तो बोदो रे मोर वीरा,
बेरो रा ओयाला ओढ़ो ओरणा रे जी।।
सोनल ने सोनगरू फुल वीरा,
पेमो ने परणाई वारा वेर में जी।।
क्षत्रिय वंश रे वेले रेआव भवानी,
पाबु रे आईजो पग रे पागडे जी।।
परा मनावु बावन वीर,
एक तो मनावु खेड़े रो खेतलो रे जी।।
कठे रीया ता रे रात वीरा,
कठे रे नोकाया रंग ला छोटणा रे जी।।
गायक – हजाराम देवासी।
प्रेषक – सुरेश सरगरा (देबावास)
9784941885