कहने को भक्त करोड़ो है,
श्री राम भक्त सबसे आला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो है,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
तर्ज – दुनिया में देव हजारो है।
जब राम पे विपदा आई तो,
श्री राम का तुमने साथ दिया,
सीता की सुध लेने को गए,
हनुमान समुन्दर लांघ दिया,
अक्षय को मार दिया बाग़ उजाड़,
लंका को धु धु जला डाला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो हैं,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
झोली में सीता माता की,
श्री राम निशानी डाल दई,
अंगूठी ले चूड़ामणि माँ ने,
हनुमान के हाथ दई,
चूड़ामणि देख राम रोए,
लंका पे हमला कर डाला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो हैं,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
लक्ष्मण को शक्ति बाण लगा,
संजीवनी बूटी लाए थे,
और लगा लिया श्री राम गले,
लक्ष्मण के प्राण बचाए थे,
तुम भाई भरत समान मेरे,
हनुमान अंजनी के लाला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो हैं,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
जब राम लखन को अहिरावण,
पाताल में लेकर आया था,
कुलदेवी को पाताल धसा,
अहिरावण मार गिराया था,
कांधे पे बिठा कर ले आए,
आजाद कैद से कर डाला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो हैं,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
जब भरी सभा में हनुमान जी,
सीना फाड़ दिखाते है,
मेरे रोम रोम तन मन सीने में,
सीताराम समाते है,
‘निर्वाण’ तू चाहे जुगल बन जा,
श्री राम नाम का मतवाला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो हैं,
श्री राम भक्त सबसे आला।।
कहने को भक्त करोड़ो है,
श्री राम भक्त सबसे आला,
मेहन्दीपुर घाटे वाला वो,
मेरा महावीर बजरंगबाला,
कहने को भक्त करोड़ो है,
श्री राम भक्त सबसे आला।।