केशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है,
तेरा आसरा लिए ही तेरे,
दर पे आए है,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।
भक्ति में डूबी चाह को,
दुनिया सता रही,
मंजिल पे जाती राह को,
दुनिया मिटा रही,
दादा तुम्हारे द्वार ने,
सपने जगाए है,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।
तेरा ही आसरा है मुझे,
तेरी ही जुस्तजू,
हर्शय में तेरा नूर है,
कण कण में दादा तू,
इकबार अपने लाल को,
सिने लगाइए,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।
बरसो से मेरी चाह तेरा,
दरश पा सकूँ,
नैनो की अपनी प्यास को,
दादा बुझा सकूँ,
लाचार तेरा लाल है,
अब ना सताइये,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।
इक बार धुनी वाले जरा,
आजमा के देख,
तेरे चरणों में है स्वर्ग मेरा,
पास आके देख,
मेरी जान तू है जिन्दगी तू,
जान जाइये,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।
केशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है,
तेरा आसरा लिए ही तेरे,
दर पे आए है,
कैशव तुम्हारी याद में,
पलके बिछाए है।।