केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन।।
तर्ज – दिल लूटने वाले।
मैं नदी नाल का सेवक हूँ,
तुम भवसागर के स्वामी हो,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन।।
तूने अहिल्या को पार लगाया है,
मुझको भी पार लगा देना,
मैं यहाँ पे पार लगाता हूँ,
तुम वहाँ पे पार लगा देना,
Bhajan Diary Lyrics,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन।।
केवट ने कहा रघुराई से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
उतराई ना लूंगा हे भगवन,
केवट ने कहा रघुराईं से,
उतराई ना लूंगा हे भगवन।।
गायिका – सृष्टि लक्ष्मी।
बहोत ही सुंदर लिखा आपने ।
केवट ने कहा रघुराइ से।
उतराइ न लूँगा हे भगवान।
मै बारम बारम प्रणाम करता हु आपको ।
और विनती करता आप से,ऐसे ही कुछ और गूढ शब्द में भजन लाए जिससे हम् सब का जीवन धन्य हो जाए ।