खाग्यो रे रामजी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा ने,
बोरा न रे बोरा न,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
ऐ चबलयो भरकर,
ल्याई रे बोरा को,
खाण्डी कर ल्याई बोरा न,
सिबरी का उटयोडा नै,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
ऐ आस्या अस्या बोर माता,
कौशल्या खुवाती,
आको स्वाद अती जोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
अपणा भगत को मान बढायो,
ओ सरदी का कर दीया चोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
प्रभु प्रेम का बस म ह राम जी,
अरे सोरा कर दीया भगत दोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
खाग्यो रे रामजी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा ने,
बोरा न रे बोरा न,
खा ग्यो र राम जी बोरा न,
भिलणी का उटयोडा नै।।
गायक – सुवाराम जी भाकर।
प्रेषक – सूरज बैरवा।
9587518411