खजुरिया धणी की मूरत,
मन में बसगी,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
ओ थावर रे आता हि सबके,
मन मे लग्निया लागे,
पैदल आया गाडी जाने,
थारा भगत लावे जी,
आवे भैरुनाथ ने,
भगता की हिचकी,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
इण कलयुग मे साच्ची मारा,
भेरुजी री माया,
ओ बिन मांग्या हि सब कुछ देवे,
जो भी सरने आया,
अरे मे भी अर्जी लायो,
भेरू मारा मन की,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
गांव खजुरया में धाम कहायो,
वाला का ढावा पर भेरू,
चुतरो मन भायो,
अरे देखी मूरत आपकी,
मारी नजरिया अटकी,
दर्सन करवा आपरा,
अखिया तरसी,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
हाजरा हजूर भेरू,
कोनी करे देर जी,
भगता ऊपर मेहर करे ओर,
करदे लीला लेर जी,
अरे लाडू ओर नरेश की या,
बिगड़ी बणगी,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
खजुरिया धणी की मूरत,
मन में बसगी,
दर्शन ने जावा की,
मारे तगड़ी जचगी।।
गायक – नरेश राव।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560