खम्मा भोमीया होगी,
आधोड़ी अधरात,
सेवकिये धुप खेवियो।।
खम्मा भोमीया सुता,
सुख भर निद,
भक्तों रे हेले जागिया,
खम्मा भोमीया मन में,
कियो रे विचार,
आलस मोड़ उठीया।।
खम्मा भोमीया गया,
पायको माय,
हेवर खुटे सु खोलियों,
खम्मा भोमीया मोडीयो,
पितलीयो पिलाण,
काठा तंग मोतिया।।
खम्मा भोमीया हाथ,
लिनी सोलटड़ी तलवार,
भालो विजल सार रो,
खम्मा भोमीया सड़ीया,
ढलती मोजल रात,
भोपो अंगड़े आवीया।।
खम्मा भोमीया शिवरे,
ज्योरी करजो साय,
गायों गायों रखवाली राखजो,
जेताराम जी करें अरदास,
मगाराम प्रजापत गाय,
शेवकियो शरणे राखजो।।
खम्मा भोमीया होगी,
आधोड़ी अधरात,
सेवकिये धुप खेवियो।।
गायक – मगाराम प्रजापत सनावड़ा।
9783332681