खाटू का राजा श्याम,
हारे का सहारा है,
दरबार में आकर ही,
मेरा चलता गुजारा है।।
तर्ज – होठों से छूलो तुम।
जब आयी थी विपदा,
तुमने मेरा साथ दिया,
अटकी जब भी नैया,
तूने भव से पार किया,
साया बनके हर दम,
जीवन को संवारा है,
खाटु का राजा श्याम,
हारे का सहारा है।।
दुनिया ये कहती है,
तेरा द्वार निराला है,
सुख दुख जो भी आए,
तुने सबको ही पाला है,
जिस और नजर डालु,
तेरा ही नजारा है,
खाटु का राजा श्याम,
हारे का सहारा है।।
‘रजनी’ की है अर्जी,
बाबा स्वीकार करो,
गलती जो कुछ मेरी,
तुम उनको माफ करो,
तेरे बिन नैया का,
नही लगना किनारा है,
खाटु का राजा श्याम,
हारे का सहारा है।।
खाटू का राजा श्याम,
हारे का सहारा है,
दरबार में आकर ही,
मेरा चलता गुजारा है।।
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