खाटू के कण कण में बसेरा करता साँवरा भजन लिरिक्स
खाटू के कण कण में, बसेरा करता साँवरा, जाने कैसा वैश बनाये, हर गली में आया जाया , करता साँवरा, साँवरा तुझमें साँवरा, साँवरा मुझमें साँवरा, साँवरा सबमें साँवरा।। तर्ज – बागबां रब है बागबां। रींगस से खाटू नगरी तक, पैदल चलते लोग, पिठ के बल कोई, पैट के बल कोई, लेट के चलते लोग, … Continue reading खाटू के कण कण में बसेरा करता साँवरा भजन लिरिक्स
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