खाटू के मेले में,
चले निशान चले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
लेके निशान चले,
श्याम मिलेगा बैठा सिंहासन,
सोने के छत्र तले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
तर्ज – नीले गगन के तले।
चरणों में उनके कर देंगे अर्पण,
चरणों में उनके कर देंगे अर्पण,
सूरज ज्यों ही निकले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
दर पे जिनके हनुमत बिराजे,
दर पे जिनके हनुमत बिराजे,
तुलसी की माला गले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
मंदिर में जिनके जगमग ज्योति,
मंदिर में जिनके जगमग ज्योति,
ना जाने कब से जले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
श्याम कुंड में डुबकी लगाके,
श्याम कुंड में डुबकी लगाके,
जन्मों के पाप धुले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
जय जय जय जय भक्त बोले,
जय जय जय जय भक्त बोले,
सुमिरन से दुखड़े टले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
खाटू के मेले में,
चले निशान चले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
लेके निशान चले,
श्याम मिलेगा बैठा सिंहासन,
सोने के छत्र तले,
अरे हे खाटु के मेले मे,
चले निशान चले।।
गायक – लखबीर सिंह लख्खा जी।
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