खाटु के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा,
दुख दूर हो गए सब,
दुख दूर हो गए सब,
होता आराम से गुजारा,
खाटु के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा।।
तर्ज – चूड़ी मजा ना देगी।
कृपा की जो ना होती,
आदत तेरी पुरानी,
ये दुनिया फिर ना होती,
बाबा तेरी दीवानी,
अपनी शरण में जो लिया,
एहसान है तुम्हारा,
खाटु के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा।।
बिगड़ी बनाने वाले,
लाखों को तूने तारा,
डूबी हुई नैया का,
बना तू ही खेवनहारा,
भवरो में अटकी नैया,
को दिया तूने ही किनारा,
खाटु के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा।।
कोई नहीं है अपना,
सारा जग हुआ पराया,
संकट की हर घड़ी में,
बाबा काम तू ही आया,
‘रूबी रिधम’ कहे ये,
तू श्याम है हमारा,
खाटू के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा।।
खाटू के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा,
दुख दूर हो गए सब,
दुख दूर हो गए सब,
होता आराम से गुजारा,
खाटू के श्याम बाबा,
मिला जबसे तेरा सहारा।।
स्वर – काँची भार्गव।