खाटू के श्याम धणी की,
महिमा अपार है,
जो माँगना है सो माँगो,
सच्चा दरबार है,
खाटु के श्याम धणी की।।
तर्ज – अफसाना लिख रही हूँ।
कलयुग में हारो का तो,
जीना मुहाल है,
जीना मुहाल है,
इस झूठे जग में ये ही,
रखता ख्याल है,
रखता ख्याल है,
बाबा की शरण में आके,
हर मझधार पार है,
जो माँगना है सो माँगो,
सच्चा दरबार है,
खाटु के श्याम धणी की।।
अखियों के आँसुओ से,
अब क्या करना गिला,
अब क्या करना गिला,
मेरे साँवरे की भक्ति,
देगी खुशियों से मिला,
देगी खुशियों से मिला,
बाबा की कृपा से उजड़ा,
चमन भी गुलज़ार है,
जो माँगना है सो माँगो,
सच्चा दरबार है,
खाटु के श्याम धणी की।।
दरबार में पावन ज्योत के,
बड़े अजब नज़ारे है,
बड़े अजब नज़ारे है,
दर पे आने वालों के,
चमके सितारे है,
चमके सितारे है,
‘रूबी रिधम’ कहते ये,
बड़ा दानी दातार है,
जो माँगना है सो माँगो,
सच्चा दरबार है,
खाटु के श्याम धणी की।।
खाटू के श्याम धणी की,
महिमा अपार है,
जो माँगना है सो माँगो,
सच्चा दरबार है,
खाटु के श्याम धणी की।।
Writer / Upload – Ruby Garg ( Ruby Ridham )
9717612115
Singer – Indu Sharma