फागुण को मेलो आयो,
भक्तां न रंग जमायो,
खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटू की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
अबीर गुलाल से चमके,
चंदा सो मुखड़ो जी,
बागां सूं गम-गम गमके,
इत्र की खुशबू जी,
थारी सुरतिया म्हारे,
हिवड़े म डोले रे
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
हाथां में लेके निशान,
पैदल म्हे आवांगा,
ढोल मंजीरा बजा के,
भजन सुनावांगा,
बाबा जी म्हारी सुणल्यो,
दर पे थे म्हाने बुलाल्यो,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
हारे का साथ निभावे,
म्हारो यो लखदातारी,
आंख्यां या नीर बहावे,
दर्शन दो कृष्ण मुरारी,
बेगा थे आन पधारो,
चरणां सूं मन्ने लगाल्यो,
बेगा म्हारा श्याम पधारो,
राधा न गले लगाल्यो,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटु की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
फागुण को मेलो आयो,
भक्तां न रंग जमायो,
खाटू की ओल्यू म्हाने आवेजी,
ओ बाबा,
खाटू की ओल्यूं म्हाने आवेजी।।
Singer – Radha Chaudhary